हमारा उद्देश्य ईश्वर , प्रेम, विश्वास और सेवा को साझा करना है।
ईश्वर हर पल अपने भक्तों के सुख दुःख का ध्यान रखते है...
दुःख में सुमिरन सब करे सुख में करे न कोय।
जो सुख में सुमिरन करे दुःख काहे को होय ॥
जो व्यक्ति भगवान की श्रद्धापूर्वक भक्ति करता है ईश्वर उसकी मनोकामनाओं की पूर्ति करता है। एवं प्राणी को जीवन और मरण के चक्र से मुक्ति मिल जाती है । जब तक जीव अपने भीतर के दोषों को नहीं ढूंढता तब तक उस के मन में भक्ति नहीं जागती।
मनुष्य को चाहिये कि वह सुख दुख दोनों में भगवान का भजन करे जिससे समय आने पर आत्मा परमात्मा में लीन हो सके। सच्चे मन से की जाने वाली भक्ति कभी निष्फल नहीं होती। मनुष्य का जीवन मुख्य रूप से दो मनोभावों पर आधारित होता है- दुख और सुख।
शेष सभी मनोभाव है, इन्हीं दोनों मूल भावों के अंतर्गत समाहित होते हैं या कहा जा सकता है कि इन्ही के विविध रूप होते हैं।

वेलनिक इंडिया संस्थापक - श्री सुखदेव गेहलोत
वेलनिक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक श्री सुखदेव गेहलोत जी, एक धार्मिक व्यक्ति है,आप धार्मिक कार्यों में हमेशा प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े रहते है | आप अपने सामाजिक एवं जन कल्याणकारी कार्यो के लिए जाने जाते है| समय – समय पर आप स्वयं आगे आकर लोगों की मदद भी करते है |
आप पर माता रानी की असीम कृपा है, जिससे की आप निरंतर पूजा पाठ में अपना योगदान देते आये है। आपने कई धार्मिक कार्य किये है जैसे की हवन, मंदिर निर्माण, मंदिर की सेवा एवं देखरेख, मंदिर जीर्णोद्धार इत्यादि। आपका मातारानी पर अटूट विश्वास एवं श्रद्धा है, जिसके कारण आप धार्मिक कार्यों को सफलता पूर्वक संपन्न कर पाते है।
वेलनिक भक्ति उद्देश्य, दृष्टिकोण और सिद्धांत
दृष्टिकोण
उद्देश्य
सिद्धांत
108
360
8
111
वेलनिक इंडिया गुरुजन
करता करे न कर सके गुरु करे सो होए,
तीन लोक नो खंड में गुरु से बड़ा ना कोई